Sat. Apr 20th, 2024
halahal movie review

Halahal – Official Trailer | Sachin Khedekar And Barun Sobti | An Eros Now Original Film

Cast: Barun Sobti, Sachin Khedekar Producer: Eros Motion Pictures, Syed Zeishan Quadri, Priyankka Bassi, and Shalini Chaudhary Director: Randeep Jha Creative Director: Swapnil Raj & Palak Kapoor Music Director: Sageesh Bhandhari, Naman Adhikari, Abhinav Sharma, and Arjun Bhaybhang Singer: Akhil Bansal Editor: Nitesh Bhatia D.O.P: Piyush Puty Concept: Sandeep Gade Screenplay & Dialogues: Gibran Noorani Story: Syed Zeishan Quadri

हेलो फ्रेंड वेलकम टू फिल्मी रिव्यु ऑफ़ हलाहल Halahal Movie Review सबसे पहले सबसे जरूरी बात फिल्म के दर्शन आपको Eros Now पर होने वाले हैं।

कहानी एक डॉक्टर साहब के इर्द-गिर्द बुनी गई है जो खुशियों से भरी जिंदगी में अपनी दो बेटियां और प्यारी बीवी के साथ धरती पर स्वर्ग के मज़े उठा रहे है जी हां ऐसी कम्पलीट जिंदगी इसमें इज्जत शोहरत पैसा किसी भी चीज की कमी नहीं है. लेकिन वक्त का पहिया ऐसा घूमता है और डॉक्टर साहब की बड़ी बेटी एक अजीबो-गरीब हादसे का शिकार हो जाती है. जिसको पूरा पुलिस डिपार्टमेंट एक सुसाइड की शक्ल देख कर मामले से अपना पल्ला झाड़ लेता है।

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तब फिल्म में एंट्री होती है चालबाज़ लालची लेकिन मजेदार पुलिस इंस्पेक्टर की जो यूनिफॉर्म भले ही पुलिस की पहनते हैं लेकिन हरकतें  इनकी किसी चोर उच्क्के से कम नही है जिंदगी का एक मकसद है हरे गुलाबी नोटों  से अपनी तिजोरी  भरना. बाकी कहानी में ट्विस्ट आता है जब डॉक्टर साहब अपने भारी भरकम बैंक बैलेंस की मदद से इंस्पेक्टर साहब को अपनी बेटी की मौत की सच्चाई तलाशने के मिशन पर लगा देते हैं. जिसमें कुछ ऐसे लोगों के नाम सामने आते हैं जिनका डायरेक्ट कनेक्शन देश को चलाने वाली कुर्सी के साथ जुड़ा हुआ है आखिर अर्चना की  मौत का असली रिसन क्या है सुसाइड या फिर मर्डर वो कौन सा जहरीला सेक्रेटे है जिसको बचाने के लिए  अनगिनत मासूमो की जान की बलि दी गई है इंस्पेक्टर साहब को भी मामले की जड़ तक पहुंच पाएंगे या फिर नोटों का वजन इनकी ईमान पर भारी पड़ेगा और एक पिता की वाकई अपनी बेटी को इंसाफ दिलाना चाहता है या फिर इरादा कुछ और है सारे जवाब मिलेंगे eros now पर।

सबसे पहले तो एक मजेदार बात बता दूं फिल्म के मामूली राइटर कोई मामूली इंसान नहीं है यह वासिपपुर के असली चैम्पियन है जिन्होंने  पूरी बाजी पलट दी थी जीसान कादरी एक बार फिर आपके दिमाक के साथ खेलने को तैयार बैठे हैं जिस तरह से फिल्फ़ में शुरुआती पहले मिनट से लेकर आखिरी सेकंड तक कहानी में सस्पेंशन मिस्ट्री वाला फार्मूला बैठाया गया है उस से पीछा छुड़ाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है एक बार यदि आप फिल्म में घुस गये तो डेढ़ घंटे से पहले आँख झपकाने का समय भी नहीं मिलेगा सबसे बड़ी खासियत है की फ़िल्म  मनगढ़ंत और फिक्सनल नहीं बल्कि इसका डायरेक्ट कनेक्शन कुछ रियल लाइफ इंसिडेंट से जुड़ा हुआ है जिसमें ना जाने कितने लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं लेकिन सच कानून की नज़रों से अभी तक कोसों दूर है लेकिन हलाहल बिना डरे हुए सच्चाई की कीचड़  को पूरी बेबाकी के साथ आपके चेहरे पर जोर से दे मारता है।

हलाहल जैसी फिल्में बॉलीवुड में एक नई टाइप की सिनेमा की शुरुआत कर सकती है जिसमें फिल्म में कास्ट किए गए एक्ट्रेस के दम पर नहीं बल्कि इसकी मजबूत राइटिंग और पैरों के नीचे से जमीन खिसका आने वाली कहानी के कंधों पर चलकर आपका दिल जीत लेती हैं बरुन  सोबती की दमदार एक्टिंग होश उड़ाने वाली है इससे पहले असुर में इस तरीके का सिरियस नो नॉनसेंस करेक्टर रोल प्ले किया था इस बार उसका ठीक उल्टा नटखट चंचल के किरदार स्क्रीन पर उतारने में व्यस्त हैं और यकीन मानो की परफॉर्मेंस में छोटी सी गलती आप माइक्रोस्कोप की मदद से भी नहीं ढूंढ पाओगे सचिन सर अपनी फील्ड के मास्टर हैं वह जब जब स्क्रीन पर दिखाई पड़ते हैं उनकी असली पहचान कही गायब सी हो जाती है और सब कहानी का कैरेक्टर उनकी असलियत बंध कर बाहर निकलता है जैसे इस बार वह हलाहल में एक मजबूत पिता और फाइटर डॉक्टर दोनों किरदारों को जिंदा कर देते हैं।

लेकिन उनके असली हीरो है इसके डायरेक्टर जिन्होंने पूरी कहानी मजेदार पहेली की तरह आपके सामने रखा है इसमें दिमाग के एक्साम के साथ-साथ  दिल पर भी हमला किया गया है और पूरे सिस्टम को एक्सपोज करने की हिम्मत आप को तालियां बजाने पर मजबूर कर देती है कम शब्दों में बोलूं तो हलाहल एक मजबूत और दमदार फ़िल्म है।

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