मूवी रिव्यू: रे
लेखक: सत्यजीत रे की लघुकथाओं पर आधारित
पटकथा लेखक: सिराज अहमद, निरेन भट्ट
कलाकार: अली फजल, श्वेता बसु प्रसाद, अनिंदिता बोस, के के मेनन, बिदिता बाग, मनोज बाजपेयी, गजराज राव, हर्षवर्धन कपूर और चंदन रॉय सान्याल आदि।
निर्देशक: श्रीजीत मुखर्जी, अभिषेक चौबे और वासन बाला।
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
रेटिंग: **
Ray Netflix Review: नेटफ्लिक्स
रिवेंज बदला। कहानी एक मोर्डन ज़माने की सक्सेसफुल बिज़नेसमेन के अराउंड घुमती है वो जो पूरे देश में कंप्यूटर से भी तेज दिमाग के लिए मशहूर है। लेकिन वह इंसान जो दुनिया केलकुलेटर से भी ज्यादा भरोसा करती है। वह आजकल खुद शक नाम की बीमारी का शिकार हो गया है। भैया जी को ऐसा लगता है कि इनके दिमाग में कोईचोर घुस गया है जो पहले नंबर्स बाद में इंसान और धीरे धीरे खुद की पहचान तीनो इनसे इसनकी पहचान छीन रहा है एडिक्शन नंबर 2 घमंड अहंकार यह वाली स्टोरी काफी मजेदार है क्योंकि इंसान ने भगवान से डायरेक्ट पंगा ले लिया है
पेशे से एक मेकअप आर्टिस्ट है रोज-रोज नई-नई कहानियों के नए-नए कैरेक्टर नई नई जिंदगी देते हैं चेहरे पर रंग चढ़ा कर। ट्विस्ट यह की सोसाइटी में इज्जत है बिल्कुल जीरो लेकिन पासा पलट गया क्योंकि भैया जी की अमीर दादी मरने के बाद इनके नाम 75 लाख रुपए और बहरूपिया नाम की एक मस्तिरिअस बुक छोड़ गई है। जिसको पढ़ कर बंदे ने ऊपर वाले को परमानेंट छुट्टी पर भेज कर अपनी किस्मत खुद लिखने का मन बना लिया है।
एडिक्सन नंबर 3 एनवी जलन किसी दूसरे इंसान की खुशी में अपने दुख ढूँढना जिसमे मौजूद है एक एक्टर शाहब जो खुद को जवान दिलों की धड़कन मानते हैं वह क्या बोलते हैं रॉकस्टार फिलहाल आए हैं यह एक दूसरे शहर में नई फ़िल्म की शूटिंग के लिए लेकिन इस बार उनके साथ हो गई है चीटिंग कैसे वह कैमरा जिसका फोकस हमेशा इनके चेहरे पर रहता है इस बार उस पर कब्जा कर लिया है दीदी ने दीदी कौन दुनिया की आंखों में शक्ति है मेडम की आँखों में दिव्य शक्ति है जो इंसान का दुख सुख में बदल सकती है। इनशॉट अपना हीरो जिंदगी की फिम्ल में लीड एक्टर से फिलहाल सपोर्टिंग रोल में पहुच गया है। फ़िल्म की स्पॉटलाइट दीदी ने चुरा ली है
एडिक्शन नंबर 4 बेरत्रिअल धोखा वह जो आंखों से दिखता है हमेशा उसको सच मान लेना शायद जिंदगी की सबसे बड़ी गलती हो सकती है। इसमे अपना हीरो एक शायर है जिसकी जुंबा से फूल झड़ते है गुलाब के लाल लाल फिलाल भाई साहब ट्रेन के डब्बे में बैठकर दुनिया के किसी कोने में अपना जादू चलाने का इंतजार कर रहे हैं यहां टकराते हैं इनसे पहलवान साहब की जवानी में कुश्ती के चैंपियन हुआ करते थे। लेकिन अजीब यह किस्सा है इस पहलवान से 10 साल पहले भी इसी ट्रेन के डब्बे में टकरा चुका है और तीसरा केरेक्टर है और है कहानी में एक स्पेशल घड़ी जिसको हाथ में पकड़कर इंसान केवल वक्त देखता नहीं है बल्कि उस को बदलने की ताकत भी पाया जाता है हां जी कहानियों का इंट्रोडक्शन तो आप मुद्दे की बात कर ले तो शो केसा है आंसर बवाल चीज बनाई है लेकिन रिव्यु चारो का होगा अलग-अलग।
पहली कहानी है एकदम मजेदार फिल्म सस्पेन्स सब कुछ मिलेगा स्पेसली द्रश्यम फ़िल्म का जो रेफरेंस डाला गया है आप समझ जाते हो कि डायरेक्टर साहब आपके दिमाग के साथ खेलना चाहते हैं बेचारा कैरेक्टर तो भूल भुलैया में घूम रहा है हम लोग हैं। इधर टीवी की दूसरी तरफ हम लोग हैं यह चोर है वह चोर है नहीं कोई और है इस पहेली में स्टार्टिंग से एंड तक उलझे रहते हैं
दमदार राइटिंग कहानी नंबर दो का कांसेप्ट एकदम जबरदस्त भगवान वर्सेस इंसान की जंग। ऊपर से कलायेमेक्स जो ओपन एंडिंग वाला ट्विस्ट डाला गया है उसके बाद मुंह फटा का फटा रह जाता है स्पेशल ट्रीट है यह बंगाली सिनेमा लवर्स के लिए कैसे सीखें। डायरेक्ट श्रीG मुखर्जी अपनी फिम्ल में में बंगाल वालों के रिच कल्चर को उतारने की पूरी कोशिश किए हैं वह जो आप दिल और दिमाग तीनों पर इंपैक्ट छोड़ देगा
कहानी नंबर 3 यह असल मायने में इस सीरीज की सबसे कंपलीट स्टोरी है कोई सस्पेंस नही कोई मिश्त्री नही लेकिन कहानी बताने का तरीका खतरनाक परफेक्ट दिल से सिर्फ वाह वाह निकलता है । पूरा किस्सा ट्रेन के डब्बे में जिस तरीके से सेट किया गया है और दो अजनबी यों के बीच बातचीत का सिलसिला चल पड़ता है वह काफी रिलेटेबल होगा हम सब ने खुद मोमेंट को लाइफ में कभी ना कभी जरूर एक्सपीरियंस किया है इंसान को कंट्रोल करने का। कहानी में इंसान की वर्क को कंट्रोल करने का लालच दिखाया गया है इसका एक्टर साबित होता है
कहानी नंबर 4 के बारे में बिल्कुल मत पूछो नई कहानी बढ़िया है और कौन से भी दमदार है लेकिन उसका प्रेजेंटेशन एकदम घटिया किसी अच्छी फ़िल्म तुमको कैसे बर्बाद करना है कोई सीखे डायरेक्टर साहब से। तीनों कहानियों के अच्छे-अच्छे डांस पर यह अकेला भारी पड़ जाता है सर दर्द डिस्प्रिन वाला हाथों की सबसे बड़ी। सबसे बड़ी फ्रेंड की कहानियां सत्यजीत रे का मैजिक इस लेवल की एंड फ्लावर राइटिंग की 50 साल साल बाद भी एकदम रेलीवेंट और इंपैक्टफुल हैं दूसरे के मायने। दूसरी फ्रेंड के के मेनन मनोज बाजपेई गजराज राव अली फजल। अली फजल। एक्टिंग नहीं करते न्यू कहानी के कैरेक्टर को पूरी तरह खा जाते हैं प्लीज सेंड हर कहानी के सेंटर में आईना रखा हुआ है मेरा वह खुद को देखते हो और अपने अंदर छुपे हुए एडिक्शन से आई कांटेक्ट होता है हंड्रेड परसेंट रियल एंड रिलेटेबल कौन है। परफेक्ट बनने से रोक देती है एक घंटा गया है हमको दो ढाई घंटे में पूरी। परफेक्ट बनने से रोक देती है एक घंटा दिया गया और होता तो और अछे से लोगो को समझमे आती।
Crime, Drama, Thriller | TV Series (2021– )
Summary: From a satire to a psychological thriller, four short stories from celebrated auteur and writer Satyajit Ray are adapted for the screen in this series.
Ray | Official Trailer | Manoj Bajpayee, Ali Fazal, Kay Kay Menon & Harshvarrdhan Kapoor